बिल्ली पालने से स्किज़ोफ्रेनिया का खतरा: नई ऑस्ट्रेलियाई रिसर्च में खुलासा
बिल्ली पालने वालों में मानसिक स्वास्थ्य का खतरा
बिल्ली पालने वालों में मानसिक खतराImage Credit source: Getty Images
स्किज़ोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक विकार है, जो व्यक्ति की सोचने और वास्तविकता को समझने की क्षमता को प्रभावित करता है। इस विकार से ग्रसित व्यक्तियों को भ्रम, गलत धारणाएं, और असामान्य व्यवहार जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हाल ही में, एक ऑस्ट्रेलियाई शोध टीम ने स्किज़ोफ्रेनिया से जुड़े संभावित खतरों का अध्ययन किया है, जिसमें 17 पुरानी स्टडीज़ का विश्लेषण किया गया। इस अध्ययन में यह पाया गया कि पालतू बिल्लियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों में इस मानसिक बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।
स्किज़ोफ्रेनिया के कारण अभी तक पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि यह जेनेटिक, पर्यावरणीय और न्यूरोलॉजिकल कारकों के संयोजन से उत्पन्न होता है। जिन व्यक्तियों के परिवार में मानसिक विकारों का इतिहास होता है, उनमें इसका खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, मस्तिष्क में केमिकल असंतुलन, विशेषकर डोपामाइन और ग्लूटामेट जैसे न्यूरोट्रांसमीटर में बदलाव भी इस बीमारी के विकास में योगदान कर सकते हैं। इसके लक्षणों में भ्रम, अनसुनी आवाज़ें सुनना, और सामाजिक रूप से अलगाव शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया की नई स्टडी में यह भी बताया गया है कि पालतू बिल्लियों के संपर्क में रहने से इस बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।
बिल्लियों के संपर्क से स्किज़ोफ्रेनिया का खतरा क्यों बढ़ता है?
शोधकर्ताओं के अनुसार, पालतू बिल्लियों के साथ लगातार संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों में स्किज़ोफ्रेनिया से जुड़े विकारों का खतरा लगभग दोगुना हो जाता है। इसका मुख्य कारण Toxoplasma gondii नामक एक पैरासाइट है, जो बिल्लियों के मल या उनके आसपास के वातावरण में पाया जाता है। यह परजीवी इंसानों के मस्तिष्क में पहुंचकर न्यूरोट्रांसमीटर पर प्रभाव डाल सकता है, जिससे व्यवहार और सोचने की क्षमता प्रभावित होती है।
कई पुरानी स्टडीज़ में यह पाया गया है कि इस परजीवी से संक्रमित व्यक्तियों में मानसिक विकारों का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में अधिक होता है। ऑस्ट्रेलियाई शोध टीम ने 17 स्टडीज़ का विश्लेषण कर यह निष्कर्ष निकाला कि बिल्लियों के पालन और स्किज़ोफ्रेनिया के जोखिम के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध है। हालांकि, यह सीधे कारण नहीं है, लेकिन शोधकर्ता इसे मानसिक स्वास्थ्य के संभावित जोखिम कारक के रूप में गंभीरता से लेने की सलाह दे रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल एक संबंध है, जो पक्की पुष्टि नहीं करता। फिर भी, हाइजीन का ध्यान रखना, कैट लिटर को सही तरीके से संभालना, और संक्रमण से बचाव के उपाय अपनाना आवश्यक है। इसके साथ ही, शोधकर्ताओं का सुझाव है कि इस विषय पर भविष्य में और गहराई से अध्ययन किया जाना चाहिए।