केरल के रत्नाकर पिल्लई: लॉटरी और खजाने के अद्भुत किस्से

किस्मत का अद्भुत खेल

किस्मत एक ऐसी शक्ति है जो किसी भी व्यक्ति को अचानक अमीर बना सकती है। यह बात आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन आज हम आपको एक ताजा उदाहरण देने जा रहे हैं। दुनिया में कई लोग भाग्यशाली होते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं कि उनकी किस्मत पर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे ही एक व्यक्ति हैं बी. रत्नाकर पिल्लई। केरल के 66 वर्षीय रत्नाकर की किस्मत के किस्से सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
लॉटरी से खजाने तक का सफर
पिछले साल क्रिसमस के मौके पर, रत्नाकर पिल्लई ने एक लॉटरी टिकट खरीदा और उन्हें 6 करोड़ रुपये की लॉटरी लगी। यह तो एक बड़ा भाग्य था, लेकिन हाल ही में उन्हें एक और खजाना मिला। उन्होंने उन 6 करोड़ में से कुछ पैसे से तिरुअनंतपुरम के पास किलिमनूर में एक खेत खरीदा, जहां वे शकरकंद की खेती करना चाहते थे। जब उन्होंने खेत में खुदाई शुरू की, तो उन्हें कुछ ऐसा मिला कि उनकी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ।
प्राचीन सिक्कों का खजाना

खुदाई के दौरान, पिल्लई को एक मटका मिला, जिसमें कई प्राचीन सिक्के थे। यह मटका लगभग 100 साल पुराना है और इसमें 2,595 सिक्के हैं, जिनका कुल वजन 20 किलो 400 ग्राम है। सभी सिक्के तांबे के बने हुए हैं और ये त्रावणकोर साम्राज्य के हैं।
सिक्कों को जांच के लिए लैब में भेजा गया है। हालांकि, अभी तक इनकी कुल कीमत का पता नहीं चल पाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये सिक्के त्रावणकोर के दो महाराजाओं के शासनकाल के दौरान प्रचलित थे। पहले राजा का नाम मूलम थिरुनल राम वर्मा था, जिनका शासन काल 1885 से 1924 तक रहा। दूसरे राजा चिथिरा थिरुनल बाला राम वर्मा थे, जिनका शासन काल 1924 से 1949 तक था।
सोशल मीडिया पर चर्चा
जब लोगों को पता चला कि रत्नाकर को पिछले साल 6 करोड़ की लॉटरी लगी और इस साल उन्हें प्राचीन सिक्कों का खजाना मिला, तो वे हैरान रह गए। कुछ लोगों ने तो कहा कि कोई इतना भाग्यशाली कैसे हो सकता है। जबकि कई लोग ऐसे हैं जिनकी किस्मत इतनी खराब होती है कि उनके पास रखा धन भी लूट जाता है। यह सब ऊपर वाले का खेल है।
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